दो बूंद बरस जाते हैं बरबस में I वे सुख और दुख दो ही हैं जग में । दो बूंद बरस जाते हैं बरबस में I वे सुख और दुख दो ही हैं जग में ।
इसीलिए सोचता हूं कभी कभी फासले ही अच्छे है हममें खुश होता हूं पाकर साथ और खुद को देख इसीलिए सोचता हूं कभी कभी फासले ही अच्छे है हममें खुश होता हूं पाकर साथ ...
ले हर टुकड़े पर देख लिखे हैं जुल्म के लेख रोती आँखों पर मेरी खिंची है दर्द की रेखा। ले हर टुकड़े पर देख लिखे हैं जुल्म के लेख रोती आँखों पर मेरी खिंची है दर...
सजदा मेरा है उसको, जिसने भी की मुहब्बत काँटो में भी हँसेगा, गर हो इश्क ही ईबादत सजदा मेरा है उसको, जिसने भी की मुहब्बत काँटो में भी हँसेगा, गर हो इश्क ही ईबा...
इश्तहार दो अखबार में या ढूंढो गली बाजार में यकीं है हमें कि ना मिलेगा वो इस सारे संसार इश्तहार दो अखबार में या ढूंढो गली बाजार में यकीं है हमें कि ना मिलेगा वो इस स...
उसका गीत गाके महफिल सजा लेती हूं ये कविता लिख कर पा लिया करती हूँ उसे उसका गीत गाके महफिल सजा लेती हूं ये कविता लिख कर पा लिया करती हूँ उसे